अपने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत एसजेवीएन ने कारपोरेट मुख्यालय, शिमला में रजत जयंती मेधावी छात्रवृत्ति वितरण समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन ने शैक्षणिक सत्र 2023 के दौरान 12वीं कक्षा की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हिमाचल प्रदेश के 75 चयनित छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की।
अखिलेश्वर सिंह ने छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनकी उल्लेखनीय शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए विद्यार्थियों के सपनों एवं आकांक्षाओं को पोषित करने वाली शैक्षिक पहलों का समर्थन करने के लिए एसजेवीएन की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। कंपनी अपने पंजीकृत ट्रस्ट एसजेवीएन फाउंडेशन के माध्यम से राज्य के शहरी, ग्रामीण और यहां तक कि दूरवर्ती क्षेत्रों के आदिवासी विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
इस वर्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड स्कूलों से 12वीं कक्षा के 75 मेधावी विद्यार्थियों को चयनित किया गया है। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड, बिहार और अरुणाचल प्रदेश राज्यों से 26 विद्यार्थियों को मेधावी छात्रवृत्ति के लिए चयनित किया गया है। कुल 101 मेधावी विद्यार्थियों में से, उल्लेखनीय रूप से 65% मेधावी विद्यार्थी छात्राएं हैं।
वर्ष 2012 में आरंभ की गई एसजेवीएन रजत जंयती मेधावी छात्रवृत्ति योजना, चयनित विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम की पूर्ण अवधि के दौरान मासिक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। यह योजना परियोजना प्रभावित परिवारों, क्षेत्रों तथा जिलों के विद्यार्थियों के लिए सीटें भी आरक्षित करती है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए समावेशिता और पहुंच सुनिश्चित होती है। अब तक, एसजेवीएन ने इस योजना के तहत 1994 मेधावी छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं। 1286 विद्यार्थियों ने सफलतापूर्वक अपना पाठ्यक्रम पूर्ण कर लिया है और अन्य आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल कॉलेज, लॉ यूनिवर्सिटी और अन्य विश्वविद्यालयों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में डिग्री हासिल कर रहे हैं।
एसजेवीएन ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, शिक्षा एवं कौशल विकास, संरचनात्मक एवं सामुदायिक विकास, सततशील विकास, स्थानीय संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, खेलों का प्रचार एवं संरक्षण, प्राकृतिक आपदाओं एवं विपदाओं के दौरान सहायता जैसे विभिन्न शीर्षों में सीएसआर गतिविधियों पर 450 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय किया हैं।