मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिला की बड़सर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिझड़ी में ‘सरकार गाँव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा जन समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम के दौरान कुल 51 समस्याएं प्राप्त हुई ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिझड़ी में जल शक्ति विभाग और पीडब्ल्यूडी का सब डिविजन खोलने, बड़सर सिविल अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता का करने तथा उप स्वास्थ्य केंद्र सलौणी का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तर का करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़सर, सोहारी, दांदड़ू में वाणिज्य व साईंस कक्षाएं शुरू करने, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घंगोट व समताणा में वाणिज्य संकाय की कक्षाएं तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुल्हेड़ा, धबीरी तथा लोहारली में साईंस कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बड़सर में आधुनिक बस अड्डा बनाने के साथ-साथ ताल स्टेडियम बिझड़ी के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा भी की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘सरकार गांव के द्वार’ महज कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इससे प्राप्त फीडबैक की झलक आने वाले बजट में दिखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन समस्याओं का समाधान करने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए प्रदेश में राजस्व लोक अदालतें लगाई जा रही हैं, जिनमें अब तक 65 हजार से अधिक इंतकाल के मामलों का निपटारा किया गया है। उन्होंने इस पहल को सफल बनाने के लिए पटवारियों, कानूनगो सहित अन्य राजस्व अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र की उपेक्षा की जिसके कारण हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के मामले में 18वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्तमान सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए कई प्रयास कर रही है, ताकि विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों को निपटने के लिए सक्षम हो सकें। प्रदेश में स्थापित किए जा रहे राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल आने वाले समय में स्कूली शिक्षा में सुधार लाने के साथ ही समाज की मानसिकता में भी बदलाव लाने में सहायक बनेगे। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई होगी, स्कूलों को स्मार्ट यूनिफार्म चुनने का अधिकार दिया गया है तथा क्लस्टर बनाकर संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए हिमाचल को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा ‘‘वर्ष 2022-23 में पिछली भाजपा सरकार ने 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया, बिना स्टाफ नियुक्त किए कई संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए। आज भाजपा नेता कर्ज पर बयानबाजी कर रहे है। यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिति हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर एक साल में अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत तक सुधार किया है। वहीं हिमाचल पर इतिहास की सबसे बड़ी आपदा टूट पड़ी तो सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए 48 घंटों में बिजली, पानी व अन्य आवश्यक सुविधाएं बहाल की।
श्री सुक्खू ने कहा जीवन में पाई-पाई जोड़कर बड़ी मुश्किल से घर बनता है। आपदा में घर ढह जाने पर प्रभावितों की पीड़ा को सरकार ने समझा है और मुआवजे में बढ़ौतरी कर इसे 7 लाख रुपये किया गया है। फौरी आवास सुविधा के लिए प्रभावित परिवारों को 5000 रुपए ग्रामीण क्षेत्र में तथा 10 हजार रुपए शहर में किराए का प्रावधान किया। इसके साथ ही फ्री गैस और राशन की व्यवस्था 31 मार्च 2024 तक की। मैं बार-बार केंद्रीय नेताओं से मिला और आग्रह किया कि हिमाचल में हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए, लेकिन प्रदेश को आपदा से निपटने के लिए कोई भी विशेष राहत पैकेज नहीं मिला, केवल एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के तहत ही मदद मिली है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता हिमाचल का हक रुकवाने में लगे हैं। राज्य सरकार ने नियमानुसार 10 हजार करोड़ के दावे भरे हैं, जो राज्य का अधिकार है लेकिन भाजपा नेता इसमें अड़ंगे डाल रहे हैं। यहीं नहीं, बीबीएमबी से मिलने वाले 4300 करोड़ रुपए के आबंटन में भी अड़चनें डाली जा रही हैं। भाजपा के तीन सांसदों ने हिमाचल के आपदा प्रभावित परिवारों के लिए केंद्र सरकार से एक पैसे की भी मांग नहीं की और केवल बयानबाजी करने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन चुनौतियों से घबराने वाली नहीं हैं, क्योंकि प्रदेश के लोगों का भरपूर सहयोग राज्य सरकार को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं और कर्मचारियों का सम्मान और युवाओं को रोजगार देने वाली सरकार है। आने वाले समय में सरकारी विभागों में 20 हजार पद भरे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए बहुत प्रसन्नता हुई है, क्योंकि 10 माह में अनाथ बच्चों के लिए यह योजना लाई गई और आज 4000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देकर उन्हें कानूनी अधिकार दिया गया है। राज्य सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की, ताकि उन्हें बुढ़ापे में निश्चित आय मिल सके और सम्मान के साथ जीवन-यापन कर सकें।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के लिए 150 करोड़ रुपए की चार विकास परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन भी किए। उन्होंने सतलुज नदी से बड़सर क्षेत्र के लिए विभिन्न उठाऊ पेयजल आपूर्ति योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 138 करोड़ रुपए के कार्यों की आधारशिला रखी। इसके साथ ही 7 करोड़ रुपए की लागत से सुक्कर खड्ड पर बने पुल, 3.32 करोड़ रुपए की लागत से बड़सर में स्वास्थ्य विभाग के आवासीय भवन तथा 1.36 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित एडीए कार्यालय भवन का लोकार्पण भी किया।
उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने जीवन में लंबा संघर्ष किया और कठिन परिश्रम व लोगों के स्नेह से ही आज वे मुख्यमंत्री पद पर पंहुचे हैं। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अनाथ बच्चों की देखरेख बेहतर ढंग से सुनिश्चित हो पा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आई आपदा से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष राहत पैकेज जारी किया जो मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही संभव हो पाया है।
पूर्व विधायक मनजीत डोगरा ने आपदा प्रभावितों को 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार ने मुआवजे में ऐतिहासिक बढ़ौतरी की है, जिससे लोगों को राहत मिली है।
स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक बीडी लखनपाल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, कांग्रेस नेता राजेंद्र जार, राजीव राणा, कृष्ण चौधरी, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा, बड़सर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष केवल धीमान, पंचायत प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।