रज्जू मार्गों के विकास के लिए एनएचएलएमएल और आरटीडीसी के बीच हुआ समझौता
हिमाचल प्रदेश में रज्जूमार्गों के निर्माण की रफ्तार अब और बढ़ेगी। मंगलवार को इस संबंध में रज्जू मार्ग एवं तीव्र परिवहन प्रणाली विकास निगम लिमिटेड ने दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबन्धन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में हुए इस समझौते से हिमाचल प्रदेश में अभिनव परिवहन समाधान के रूप में रज्जू मार्गों के विकास का रास्ता साफ हुआ है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि शुरूआत में कांगड़ा, कुल्लू, चम्बा, सिरमौर और बिलासपुर जिलों में 2264 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सात रज्जू मार्ग परियोजनाओं की सम्भाव्यता (फिजिबिलिटी) रिपोर्ट बनाकर केंद्र को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत करवाया कि शिमला-मटौर सड़क, पठानकोट-चक्की-मंडी सड़क और चक्की-मंडी-मनाली सड़क पर कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों की मरम्मत की शीघ्र आवश्यकता है।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा मंत्रालय को प्रस्तुत की गई नौ उच्च प्राथमिकता वाली सड़कों की अधिसूचना शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय के पास लम्बित विस्तृत परियोजना रिपोर्टों के अनुमोदन के लिए आग्रह किया ताकि इनका कार्य शीघ्र सौंपा जा सके।
ऊर्जा मंत्री सुख राम चौधरी ने पावंटा-लाल ढांग-राजवन-शिलाई-रोहड़ू सड़क पर अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था का मामला उठाया और कहा कि इससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। दिल्ली में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह , प्रधान आवासीय आयुक्त एस.के. सिंगला एवं प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने चर्चा में भाग लिया और अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।