मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रैत में 5.36 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले खंड विकास अधिकारी के कार्यालय भवन का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में तीन गारंटियां पूरी की हैं, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल मेें केवल मात्र प्रदेश की जनता को ठगने का ही कार्य किया। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन बहाल की गई। हालांकि केन्द्र सरकार को यह निर्णय शायद रास नहीं आया और इसके उपरान्त प्रदेश को मिलने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जा रही है। राज्य को मिलने वाले ऋण की सीमा भी कम की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस का पैसा वापस देने में आनाकानी कर रही है। केन्द्र के इस रवैये से प्रदेश को लगभग 1780 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी गारंटी पूरी करते हुए अगले शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की जा रही है। इसके साथ ही स्कूल वर्दी में एकरूपता लाने तथा बच्चों की पसन्द को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन को स्मार्ट वर्दी चुनने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने पर्याप्त शिक्षकों व आधारभूत सुविधाओं के बगैर सैंकड़ों स्कूल खोल दिए। उनकी इसी कार्यप्रणाली का ही परिणाम रहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट दर्ज की गई और गुणात्मक शिक्षा के मामले में हिमाचल 18वें स्थान पर खिसक गया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की भावना से कार्य कर रही वर्तमान सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हमारा प्रयास है कि भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को आगे बढ़ना का मौका मिलना चाहिए। इसके दृष्टिगत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘सरकारी स्कूल से पढ़ा एक छात्र आज मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सेवा कर रहा है, जबकि स्थानीय विधायक केवल सिंह पठानिया भी सरकारी स्कूल में ही पढ़े हैं। सभी विद्यार्थियों को एक समान अवसर उनका हक है।’’
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि तीसरी गारंटी पूरी करते हुए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इस योजना के प्रथम चरण में ई-टैक्सी के लिए राज्य सरकार 500 परमिट जारी करेगी। राज्य सरकार ने आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि को 20 दिसंबर से एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को ई-टैक्सी की खरीद के लिए राज्य सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए भी सरकार युवाओं को आर्थिक मदद प्रदान करेगी और 25 वर्ष तक उनसे बिजली की खरीद भी की जाएगी, ताकि उन्हें निश्चित आय प्राप्त हो सके। किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए आने वाले बजट में प्राकृतिक खेती पर आधारित निश्चित आय प्रदान करने के लिए योजना लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में 1400 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की है। एक वर्ष में सरकारी क्षेत्र में ही 20 हजार से अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्ज पर कर्ज लेती रही लेकिन लोगों की भलाई के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मात्र एक वर्ष में 20 प्रतिशत तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में कामयाब हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व लोक अदालत में 45 हजार लंबित इंतकाल के मामलों को निपटारा किया, जो अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का राज्य सरकार का प्रयास है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार होम स्टे पर भी कानून लाई है, जिससे इसके संचालकों को फायदा होगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश में 16 हजार से अधिक घरों को नुकसान पहंुचा। उन्होंने कहा कि वे लोगों के दर्द से वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद कानून व नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज आपदा प्रभावितों को दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत वर्तमान राज्य सरकार ने कानून बनाकर प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। इसके तहत 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपए प्रति माह तथा 27 वर्ष की आयु तक 4 हजार रुपए पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। उनकी उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च उठाने के लिए भी राज्य सरकार एक योजना लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद कांगड़ा जिला में पहली बार 268 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक प्लांट स्थापित हो रहा है, जो एक वर्ष में बनकर तैयार होगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विधायक केवल पठानिया के प्रयासों से ही शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में बीडीओ कार्यालय का नया भवन स्वीकृत हुआ। यह भवन रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार होगा, ताकि स्थानीय निवासियों को इसका भरपूर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों का निर्माण कॉरपोरेट सेक्टर की तर्ज पर किया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों को कार्यालय में बेहतर कार्य परिवेश मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने पंचायत घरों के निर्माण के लिए मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 1.14 करोड़ रुपए किया है। इसके साथ ही आपदा में लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उनके विभाग ने 1085 करोड़ रुपए मनरेगा के माध्यम से स्वीकृत किए हैं।