प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के पदाधिकारियों और मार्केटिंग बोर्ड की आढ़तियों, व्यापारियों और किसानों के साथ शिमला में हुई बैठक रही सार्थक
हिमाचल प्रदेश में रसायनरहित प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बाजार में अच्छे खरीददार मिलें और इनकी सही से बिक्री हो इसके लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई, मार्केटिंग बोर्ड और आढ़तिये तथा व्यापारी मिलकर काम करेंगे। प्रदेश में साढ़े तीन साल पहले शुरू की गई प्राकृतिक खेती के उत्पादों को उचित बाजार मुहैया करवाने के लिए मंगलवार को शिमला के पीटरहॉफ में योजना की कार्यान्वयन इकाई और मार्केटिंग बोर्ड के सहयोग से किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। कृषि सचिव एवं प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी हितधारकों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को बाजार में बढ़ावा देने में सहयोग करने में अपनी सहमति प्रदान की। इस मौके पर कृषि सचिव ने कहा प्रदेश में अभी तक 1,71,063 किसान-बागवान इस खेती से जुड़ चुके हैं और अब इनके उत्पादों के लिए बाजार की आवश्यकता देखी जा रही है। इसलिए योजना के तहत इन किसान-बागवानों के उत्पादों को उचित बाजार मुहैया करवाने के लिए प्रदेश की 10 मंडियों में स्थान अलॉट करने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग का काम भी योजना के तहत किया जा रहा है। उन्होंने आढ़तियों और व्यापारियों को भरोसा दिलाया की प्राकृतिक खेती उत्पादों को पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता, प्रमाणिकता और ब्रांडिंग के साथ मंडियों में पहुंचाया जाएगा, जिससे व्यापारियों को इन्हें आगे बेचना आसान होगा।
बैठक के दौरान मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने प्राकृतिक खेती की जानकारी देते हुए कहा कि जब यह योजना प्रदेश में शुरू की गई थी, तब इसे लागू करने से पहले हमने दूसरे राज्यों का भ्रमण किया था और वहां सीखने के बाद ही इसे यहां लागू किया था। लेकिन आज साढ़े तीन साल के बाद हम उन राज्यों से भी आगे निकल गए हैं और प्रधानमंत्री बड़े-बड़े मंचों पर हिमाचल प्रदेश की सराहना कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड ने प्राकृतिक खेती किसानों के उत्पादों के लिए प्रदेश की 10 मंडियों मेंहदली, टापरी, धर्मपुर, नम्होल, पालमपुर, भुंतर, धनोटू, ऊना और पांवटा साहिब में स्थान चिन्हित कर लिया है। बैठक के दौरान उन्होंने 8 जिलों के मंडी सचिवों को प्राकृतिक खेती के उत्पादों को प्राथमिकता के आधार पर बिक्री के लिए व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों, किसानों, व्यापारियों और आढ़तियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए मार्केट व्यवस्था को तैयार करने में बहुमूल्य सुझाव दिए। आढ़तियों ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए अलग से मार्का और पैकेजिंग होनी चाहिए। वहीं कई व्यापारियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को सभी मंडियों में स्थान देने की बात कही। बैठक के समापन पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने प्राकृतिक खेती के तहत चल रही गतिविधियों की जानकारी दी और बैठक में उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।