सतत् विकास के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर विकास पथ पर अग्रसर हिमाचल ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में टीबी उन्मूलन के लिए राज्य सरकारों के प्रयास एवं कार्यप्रणाली का आकलन करते हुए आंकड़े जारी किए हैं जिसमें हिमाचल ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। हिमाचल के बाद आंध्र प्रदेश ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
50 लाख से ज्यादा आबादी वाले राज्यों का आकलन करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए हैं। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया हिमाचल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सम्मानित करेंगे। हिमाचल सरकार की ओर से इस पुरस्कार को लेने के लिए डॉ. गोपाल बेरी को भेजा गया है। बीते साल टीबी उन्मूलन के लिए हिमाचल ने मिशन मोड में काम करते हुए गांव स्तर तक टीमें गठित कर मरीजों के लिए खोजी अभियान चलाया था। वर्तमान में प्रदेश भर में 14,495 टीबी मरीज हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 50 लाख से कम आबादी वाले राज्यों की श्रेणी में सिक्किम पहले, गोवा दूसरे स्थान पर रहा है। केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में डीएनएच और डीडी पहले और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह दूसरे नंबर पर रहा। हिमाचल के बिलासपुर जिले में 452, चंबा में 1087, हमीरपुर में 843, कांगड़ा 2878, किन्नौर 2878, कुल्लू 1133, लाहौल स्पीति 25, मंडी 2046, शिमला 2280, सिरमौर 944, सोलन 2017 और ऊना जिले में 682 मरीज हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में टीबी के उन्मूलन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है। जय राम ठाकुर ने प्रदेश की जनता से क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सहयोग करने का आग्रह किया ताकि टीबी मुक्त हिमाचल को मूर्त रूप दिया जा सके।
वर्ष 2021-22 के लिए हिमाचल प्रदेश में सब नेशनल सर्टिफिकेट के लिए राज्य के सभी 12 जिलों को नामांकित किया गया था। इसमें राज्य के 8 जिलों हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा, मण्डी, शिमला, लाहौल-स्पिति और ऊना को रजत पदक, जबकि चम्बा, सिरमौर व सोलन जिलों को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा।