एक इच्छा से कुछ नहीं बदलता और एक निर्णय से कुछ चीज़ बदलती है लेकिन एक दृढ़ निश्चय से सब कुछ बदल सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी है ज्योति ठाकुर की।
सफलता ऐसी की आज समूचे भारत व हिमाचल प्रदेश में एक ही नाम की चर्चा हो रही है वह जिला कुल्लू के बंजार की रहने वाली ज्योति ठाकुर। पिता गौतम ठाकुर जो कि पेशे से किसान के घर में ज्योति ने जन्म लिया। ज्योति ठाकुर बंजार उपमंडल की बलागाड़ पंचायत के जलाफड़ गांव की रहने वाली है।
आज ज्योति ठाकुर की चर्चा हर जगह हो रही है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय पैरा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश भर में हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया है।
इससे पहले दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई खेलो इंडिया प्रतियोगिता में भी भाग लिया था और उड़ीसा में भी आयोजित पैरा गेम्स में गोल्ड मेडल जीते थे। ज्योति नें पुणे में भी पैरा गेम्स में शॉट पुट तथा डिस्क थ्रो में 2 गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीते थे।
हाल ही में पैरा राष्ट्रीय खेल कुद प्रतियोगिता मे ज्योति ठाकुर ने शॉट पुट में स्वर्ण पदक व डिस्क थ्रो में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और देश व प्रदेश में विशेष वर्ग की बेटियों के लिए प्रेरणा देकर मिसाल पेश की है।
ज्योति ठाकुर ने पाटन समाचार से बातचीत करते हुए बताया की मेरा उदेश्य है भारत की जर्सी पहनकर गोल्ड मेडल जीतना है जिसके लिए में और ज्यादा मेहनत करूंगी।
ज्योति नें अपने माता पिता और अपने कोच का धन्यवाद किया जिनके सहयोग व मेहनत के कारण आज ये उपलब्धि हासिल की है । हिमाचल प्रदेश के हर घर में आज ज्योति ठाकुर का उदाहरण अपनी बेटियों को दिया जा रहा है की अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो आर्थिक स्थिति ठीक ना होने और विकलांगता के बावजूद भी बुलंदियों को छुआ जा सकता है। ज्योति नें बताया की अपनी कमियों से आज समाज में सीख कर आगे बढ़ना और मिसाल पेश करनी चाहिए। घर वापसी पर लोगों के द्वारा किए गए स्वागत से भावुक होकर ज्योति नें कहा की व सभी लोगों की तहे दिल से आभारी हैं और आगे भी देश और प्रदेश का नाम रोशन करूंगी। ज्योति ने एक बात पर जोर देते हुए कहा की आज अपनी कमजोरियो को अभिशाप नहीं वरदान समझकर बुलंदियों को छूकर मिसाल पेश करें।