सशक्त और जीवंत समाज के निर्माण में महिलाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समाज के विकास में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई सार्थक कदम उठाए गए हैं। महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक दशा सुधारने के उद्देश्य से अनेक कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की गई हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील पत्थर साबित हो रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शगुन योजना के अन्तर्गत बीपीएल परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिए दी जाने वाली 31000 रुपये की आर्थिक सहायता राशि इन परिवारों के लिए खुशियों का शगुन साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री शगुन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 13 करोड़ 75 लाख 78 हजार रुपये व्यय कर 4,437 कन्याओं को लाभान्वित किया गया है। कांगड़ा जिला में 4,86,39000 रुपये व्यय कर 1,569 कन्याओं, सोलन जिले में 94,24000 रुपये व्यय कर 304 कन्याओं, ऊना जिले में 58,90000 रुपये व्यय कर 190 कन्याओं, शिमला जिले में 91,76000 रुपये व्यय कर 296 कन्याओं, सिरमौर जिले में 78,43000 रुपये व्यय कर 253 कन्याओं, कुल्लू जिले में 34,41000 रुपये व्यय कर 111 कन्याओं, मंडी जिले मेें 1,81,04000 रुपये व्यय कर 584 कन्याओं, हमीरपुर जिले में 91,76,000 रुपये व्यय कर 296 कन्याओं, चम्बा जिले में 1,47,56000 रुपये व्यय कर 476 कन्याओं, बिलासपुर जिले में 1,09,74000 रुपये व्यय कर 354 कन्याओं और किन्नौर जिले में 1,55,000 रुपये व्यय कर 4 कन्याओं को लाभान्वित किया गया है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए लड़की तथा उसका परिवार शादी से दो महीने पहले अथवा शादी के छः महीने के भीतर आवेदन कर सकता है। अनुदान राशि सीधा संबंधित आवेदक के बैंक खाते में जमा की जाती है।इस योजना के लिए लड़की की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक और लड़के की आयु 21 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। लड़की हिमाचल प्रदेश की स्थाई निवासी होनी चाहिए तथा हिमाचल से बाहर रहने वाले लड़के से शादी करने पर भी वह इस योजना का लाभ उठा सकती है।
योजना का लाभ उठाने के लिए नजदीकी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बाल विकास परियोजना कार्यालय अथवा जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन किया जा सकता है।जिला कुल्लू की तहसील निरमंड के गांव नरकू की रंगीला देवी को मुख्यमंत्री शगुन योजना के रूप में मिले 31000 रुपये के शगुन से बहुत संबल प्राप्त हुआ।
रंगीला देवी के पिता प्रकाश चंद का कहना है कि उनका परिवार कृषि व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रधान से मिली जानकारी के माध्यम से उन्होंने संबंधित अधिकारी के पास इस योजना के लिए आवेदन किया। इस योजना की राशि सीधे बैंक खाते मेें हस्तांतरित की गई। इस आर्थिक सहायता से उन्हें बेटी की शादी में बहुत सहारा मिला है।
जिला शिमला के शिवपुरी की निवासी रेनू देवी का कहना है कि उन्होंने इस योजना से मिली आर्थिक सहायता का उपयोग बेटी की खुशियों को साकार करने में किया। उनकी बेटी चारू नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस धनराशि के माध्यम से उन्हें बहुत सहायता मिली। रेनू देवी ने बताया कि उनके पति बीमार रहते हैं और उनकी नियमित आय का कोई साधन नहीं है। इस स्थिति में जब उनकी बेटी का विवाह निश्चित हुआ तो उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मुख्यमंत्री शगुन योजना उनके लिए एक आशा की किरण बनकर आई। उन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से इस योजना के बारे में जानकारी मिली।
योजना का लाभ उठान के लिए उन्होंने निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन किया और कुछ ही समय पश्चात 31000 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में आ गई। शगुन की यह राशि उनकी बेटी के भविष्य को सहारा प्रदान करने में मददगार साबित होगी।