मिली जानकारी के अनुसार बंगाल दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के अलावा पार्टी के सहयोगी और सामान विचारधारा वाले संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। पता चला है कि मई महीने के अंतिम सप्ताह में ही जेपी नड्डा बंगाल आएंगे। हालांकि तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन उनके दफ्तर से संपर्क कर इस की योजना बनाने का आवेदन प्रदेश भाजपा ने किया है। जेपी नड्डा के दौरे पर ही केंद्रित कर प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी तय की जाएगी।
सूत्रों ने बताया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बरकरार रखने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का दौरा होना है। 2019 में भाजपा ने 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार कम से कम 18 और उससे अधिक सीट जीतने की रणनीति पार्टी बना रही है। इसकी वजह है कि 2019 में भाजपा के पास केवल तीन विधायक थे जबकि इस बार इनकी संख्या 70 के करीब है। हालांकि विधानसभा चुनाव में भाजपा भले ही हारी है लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी इसलिए लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है।
इसके अलावा 33 सालों तक राज्य की सत्ता पर काबिज रहने वाले वाम दल भी हाल के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं। अमूमन देखा गया है कि वामदलों के समर्थकों के वोट से भाजपा के सांसदों को बढ़त और जीत मिलती रही है। इस बार अगर माकपा का वोट बंटा तो भाजपा के लिए न केवल अपना प्रदर्शन बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण होगा बल्कि विधानसभा चुनाव के मुकाबले भी मत प्रतिशत में कमी आ सकती है। इसीलिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व हर हाल में बंगाल में शिकस्त के बाद सुस्त पड़े कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहता।